Wednesday, 23 July 2014

Fwd: Bharath ka Prachina Viman Jankari

""महाभारत कालीन विमान"" 5000 साल पहले का "विमान" मिला है
ओसामा बिन लादेन नामक
इस्लामी आतंकवादी को खोजते हुए अमेरिका के
सैनिकों को अफगानिस्तान (कंधार) की एक गुफा में
5000 साल पहले का "विमान" मिला है ,जिसे
महाभारत काल का बताया जा गया है !
सिर्फ इतना ही नहीं वरन्
Russian Foreign Intelligence ने साफ़ साफ़ बताया है
कि ये वही विमान है जो संस्कृत रचित महाभारत में
वर्णित है |जब इसका इंजन शुरू होता है
तो बड़ी मात्रा में प्रकाश का उत्सर्जन होता है।
हालाँकि इस न्यूज़ को भारत के बिकाऊ मिडिया ने
महत्व नहीं दिया क्यों कि, उनकी नजर में भारत के हम
हिंदूओ ( आर्यो ) की महिमा बढ़ाने वाली ये खबर
सांप्रदायिक है !!
ज्ञातव्य है कि Russian Foreign Intelligence Service
(SVR) report द्वारा 21 December 2010 को एक
रिपोर्ट प्रस्तुत की गयी जिसमे
बताया गया था कि ये विमान द्वारा उत्पन्न एक
रहस्यमयी Time Well क्षेत्र है - जिसकी खतरनाक
electromagnetic shockwave से ये अमेरिका के
कमांडो मारे गये या गायब हो गये तथा इस की वजह से
कोई गुफा में नहीं जा पा रहा।
शायद आप लोगों को याद होगा कि महाराज
धृतराष्ट्र की पत्नी गांधारी एवं मामा शकुनि गंधार
के ही थे |
महाभारत में इस विमान का वर्णन करते हुए कहा गया है
कि...
हम एक विमान जिसमे कि चार मजबूत पहिये लगे हुए हैं, एवं
परिधि में बारह हाथ के हैं | इसके अलावा 'प्रज्वलन
पक्षेपात्रों ' से सुसज्जित है | परिपत्र 'परावर्तक' के
माध्यम से संचालित होता है और उसके अन्य घातक
हथियारों का इस्तेमाल करते हैं !
जब उसे किसी भी लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित कर पक्षेपित
किया जाता है तो, तुरंत वह अपनी शक्ति के साथ
लक्ष्य को भस्म कर देता है यह जाते समय एक 'प्रकाश
पुंज'
का उत्पादन करता हैं !
( स्पष्ट बात है कि यहां महाभारत काल में विमान एवं
मिसाइल की बात की जा रही है )
हमारे महाभारत के इसी बात को US Military के
scientists सत्यापित करते हुए यह बताते हैं कि ये विमान
5000 हज़ार पुराना (महाभारत कालीन) है,
और जब कमांडो इसे निकालने का प्रयास कर रहे थे
तो ये सक्रिय हो गया जिससे इसके चारों और Time
Well क्षेत्र उत्पन्न हो गया और यही क्षेत्र विमान
को पकडे हुए है इसीलिए इस Time Well क्षेत्र के सक्रिय
होने के बाद 8 सील कमांडो गायब हो गए।
जानकारी के लिए बता दूँ की Time Well क्षेत्र "
विद्युत-चुम्बकीय " क्षेत्र होता है जो हमारे आकाश
गंगा की तरह सर्पिलाकार होता है ।
वहीं एक कदम आगे बढ़ कर Russian Foreign Intelligence
ने
तो साफ़ साफ़ बताया कि ये वही विमान है
जो संस्कृत रचित महाभारत में वर्णित है।
सिर्फ इतना ही नहीं SVR report का कहना है कि यह
क्षेत्र 5 August को फिर सक्रिय हुआ था जिससे एक
बार फिर electromagnetic shockwave नामक खतरनाक
किरणें उत्पन्न हुई और ये इतनी खतरनाक थी कि इससे 40
सिपाही तथा trained German Shepherd dogs
भी इसकी चपेट में आ गए।
ये प्रत्यक्ष प्रमाण है हमारे हिन्दू(आर्य) सनातन धर्म के
उत्कृष्ट विज्ञान का और यह साफ साफ तमाचा है उन
सेकुलरों( मुस्लिमों / ईसाईयों के हिमायतीयो ) के मुंह
पर जो हमारे हिन्दू सनातन धर्म पर उंगली उठाते हैं और
जिन्हें रामायण और महाभारत एक काल्पनिक
कथा मात्र लगती है..!


अधिक से अधिक शेयर कीजिये मित्रों।

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Note: Dear Friends….Excuse any mistake in my writing