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Thursday, 2 January 2014

Keep Religion and CASTE out of Politics and India will be the most peaceful place on world

Not sure of the source or its veracity!  A forward I received.
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HINDUISM - CRISTIANISMO - MAHOMETISMO - INDUISMO

Very Interesting facts!

Christianity .
One Christ, One Bible ReligionYou know the Latin Catholic will not enter Syrian Catholic Church.

Fwd: मीडिया की साख का सवाल (The question of the credibility of the media)

मीडिया की साख का सवाल

तारीख: 30 Nov 2013 15:02:53
समय किसी का गुलाम नहीं होता और इसीलिए कभी-कभी घटनाएं आपस में टकरा जाया करती हैं। घटनाओं की इस रगड़ में संदर्भों की ऐसी खास कौंध पैदा होती है कि सब कुछ साफ-साफ दिखने लगता है।
कांची कामकोटि पीठ के अधिपति को न्यायालय द्वारा आरोप मुक्त किया जाना और बलात्कार के आरोपी तहलका संपादक के पक्ष में मीडिया की लामबंदी ऐसी ही दो घटनाएं हैं जो समय के इस मोड़ पर आ टकराई हैं, और इस बार जो दिख रहा है वह है मीडिया का राष्ट्रघाती-पक्षपाती रूप।

Sunday, 29 December 2013

हार्ट अटैक: ना घबराये ......!!!

हार्ट अटैक: ना घबराये ......!!!

सहज सुलभ उपाय ....
99 प्रतिशत ब्लॉकेज को भी रिमूव कर देता है पीपल का पत्ता....

पीपल के 15 पत्ते लें जो कोमल गुलाबी कोंपलें न हों, बल्कि पत्ते हरे, कोमल व भली प्रकार विकसित हों। प्रत्येक का ऊपर व नीचे का कुछ... भाग कैंची से काटकर अलग कर दें।

Saturday, 14 December 2013

15 great thoughts By Chanakya

15 great thoughts By Chanakya
चाणक्य के 15 सूक्ति वाक्य ---- .
1. "दूसरो की गलतियों से सीखो अपने ही ऊपर प्रयोग करके सीखने को तुम्हारी आयु कम पड़ेगी."
2."किसी भी व्यक्ति को बहुत ईमानदार (सीधा साधा ) नहीं होना चाहिए ---सीधे वृक्ष और व्यक्ति पहले काटे जाते हैं."
3."अगर कोई सर्प जहरीला नहीं है तब भी उसे जहरीला दिखना चाहिए वैसे डंस भले ही न दो पर डंस दे सकने की क्षमता का दूसरों को अहसास करवाते रहना चाहिए. "
4."हर मित्रता के पीछे कोई स्वार्थ जरूर होता है --यह कडुआ सच है."
5."कोई भी काम शुरू करने के पहले तीन सवाल अपने आपसे पूछो ---मैं ऐसा क्यों करने जा रहा हूँ ? इसका क्या परिणाम होगा ? क्या मैं सफल रहूँगा ?"
6."भय को नजदीक न आने दो अगर यह नजदीक आये इस पर हमला करदो यानी भय से भागो मत इसका सामना करो ."
7."दुनिया की सबसे बड़ी ताकत पुरुष का विवेक और महिला की सुन्दरता है."
8."काम का निष्पादन करो , परिणाम से मत डरो."
9."सुगंध का प्रसार हवा के रुख का मोहताज़ होता है पर अच्छाई सभी दिशाओं में फैलती है."
10."ईश्वर चित्र में नहीं चरित्र में बसता है अपनी आत्मा को मंदिर बनाओ."
11. "व्यक्ति अपने आचरण से महान होता है जन्म से नहीं."
12."ऐसे व्यक्ति जो आपके स्तर से ऊपर या नीचे के हैं उन्हें दोस्त न बनाओ,वह तुम्हारे कष्ट का कारण बनेगे. सामान स्तर के मित्र ही सुखदाई होते हैं ."
13. "अपने बच्चों को पहले पांच साल तक खूब प्यार करो. छः साल से पंद्रह साल तक कठोर अनुशासन और संस्कार दो .सोलह साल से उनके साथ मित्रवत व्यवहार करो.आपकी संतति ही आपकी सबसे
अच्छी मित्र है."
14. "अज्ञानी के लिए किताबें और अंधे के लिए दर्पण एक सामान उपयोगी है ."
15. "शिक्षा सबसे अच्छी मित्र है. शिक्षित व्यक्ति सदैव सम्मान पाता है. शिक्षा की शक्ति के आगे युवा शक्ति और सौंदर्य दोनों ही कमजोर हैं

Friday, 6 December 2013

NOTICE



अत्यंत हर्ष के साथ सूचित किया जाता है कि हमारी अपनी कांग्रेस का 08 दिसंबर को उठावना है जब 4 राज्यों के परिणाम आयेंगे तो कांग्रेस का उठावना बड़े धूमधाम से मनाया जायेगा आप सभी आमंत्रित है 

1like kar ke shanti de


समस्त भारत में लगभग 1000 बड़े accounts हैं जिनके पीछे सभी banks लगी पड़ी है और इनमें से कुछ डूबती हैं तो बैंक को भारी घाटा होता है यदि बैंक्स छोटे नए व्यापारियों को सस्ता लोन दें तो येही कुछ छोटे व्यापारी कल के टाटा बिरला बनेंगे जिससे बैंक्स आगे survive कर पायेगे 

Tuesday, 3 December 2013

मीडिया को फुर्सत नहीं कि इस ओर झांके?

दिल्ली में गौ भक्त फैज़ और साथियों का आमरण अनशन
गिरीश पंकज
988353_291719470982251_319960090_nभारत में गो-हत्या पर पूर्ण प्रतिबंध हेतु दिल्ली स्थित जंतर-मंतर पर 10 नवम्बर से 9 लोग आमरण अनशन कर रहे हैं. ये लोग अपना जीवन होम करने का संकल्प ले कर बैठे हैं, मगर धन्य है इस देश का मीडिया जिसे फुरसत नहीं कि वो इन गौ भक्तों पर एक रिपोर्ट तैयार करे और दिखाए। उसे वाहियात बातों पर स्टोरी करने से फुरसत मिले तब न? लेकिन कोई बात नहीं, क्रांतिकारी मीडिया की परवाह नहीं करते, वे तो अपना काम करते हैं.
युवाशक्ति के प्रतीक मोहम्मद फैज़ खान को आदर-स्नेह से लोग ”भाईश्री’ ‘ कह कर भी बुलाते है। फैज़ के बारे में यहाँ मुझे बताना अच्छा लगेगा कि यह युवक रायपुर का है और बाल्य काल से ही सामाजिक कार्यों के लिए समर्पित रहा है.वाद-विवाद प्रतियोगिता, भाषण प्रतियोगी, युवा महोत्सव वगैरह के अनेक आयोजनो में फैज़ की उपस्थिति रहती आयी है. अपने देश के महनायकों के जीवन का गहरा प्रभाव फैज़ पर पड़ा, उसे अच्छी कविता, अच्छे विचारो ने हमेशा प्रभावित किया, ऐसे युवाओं के मुस्लिम समाज के प्रति किसी का नज़रिया सकारत्मक हो जायेगा। फैज़ ने मुझे बहुत मान दिया, उसे मेरी प्रेरणा देने वाली कविताएं भी याद है. मेरी ही नहीं अनेक शायरों की रचनाएं उसे कंठस्थ हैं।
एक बेहतर सोच वाले युवा के रूप में फैज़ को मैं जानता तो था, मगर वह गौ माता का इतना बड़ा भक्त निकलेगा, इसकी कल्पना नही थी, दो साल पहले की बात है, जब हैदराबाद के एक विश्वविद्यालय में कुछ छात्रो द्वारा गौ मांस भक्षण उत्सव मनाया गया था. उस खबर को पढ़ कर मैंने दुखी मन से फेसबुक की अपनी वाल पर लिखा था कि इसके विरुद्ध प्रदर्शन होना चाहिए। मेरी बात को पढ़ कर फैज़ विचलित हो गया। उसने अपनी वाल पर लिखा कि अगले दिन मैं धरना स्थल पर अपने साथियो के साथ धरने पर बैठ रहा हूँ। उसके इस आह्वान का नतीज़ा यह हुआ कि अनेक लोग धरना स्थल पर पहुँच गए, मुस्लिम गौ रक्षा समिति के भाई मुज़फ्फर अली भी अपने साथियों के साथ वहाँ पहुच गए. दिन भर धरना दिया गया । इस घटना से लोग दंग रह गए, शर्मसार भी हुए कि जो काम हमें करना था, वो फ़ैज़ कर रहा है लेकिन मुझे गौरव हुआ कि फैज़ जैसे लोग गौ माता के लिए चिन्तित है.
फैज़ को जब पता चला कि मैंने भारतीय गायों की दुर्दशा पर एक उपन्यास (एक गाय की आत्मकथा) भी लिखा है तो उसने उसे पढ़ने की इच्छा की, तब मैंने उसे एक प्रति सप्रेम भेंट कर दी. उस कृति के कारण फैज़ के मन में और उत्साह जगा और गौ सेवा की दिशा में फैज़ के कदम कुछ ऐसे आगे बढ़े कि वह पूरी तरह गौ-मय ही हो गया.और देश भर में घूम-घूम कर गौ रक्षा के कम में लग गया। फैज ने जगह-जगह जा कर प्रवचन शुरू किया भारतीय संस्कृति की बात की, गौ रक्षा के लिए प्रेरित किया, मुझे यह देख कर अच्छा उसने मेरे उपन्यास एक गाय की आत्मकथा को भी समय-समय पर याद किया. यह फैज़ की विनम्रता है कि उसने अनेक बार यह कहा कि गिरीश पंकज के उपन्याम के कारण मुझे गौ रक्षा अभियान चलाने की करने की प्रेरणा मिली है. फैज़ ने अपने करके प्रकाशक से उपन्यास की सौ से ज़्यादा प्रतिया खरीदी और उसे साध्वी ऋतम्भरा, गोपाल मणि जैसे अनेक दिग्गजों को भेंट किया, आज के ज़माने में ऐसा कौन करता है? किसे की कृति का प्रचार करने का यह अद्भुत उदाहरण है
फैज़ खान का संकल्प था कि वह देश में गौ ह्त्या पर पूर्णतः प्रतिबन्ध की मांग को ले कर अपने सौ साथियों के साथ दिल्ली के जंतर-मंतर आमरण अनशन पर बैठेगा, तब मैंने उसके रायपुर प्रवास के दौरान आशंका जाहिर की थी कि इतने लोग जुट नहीं पाये तो? तब फैज़ ने कहा था कि कोई बैठे या बैठे, मैं तो बैठूँगा ही, और ऐसा ही हुआ. फैज़ ने कहा था कि वो 10 नवंबर को आमरण अनशन पर बैठेगा , उसे सौ लोग तो नहीं मिले, मगर खुशी की बात है कि उसके साथ आठ लोग आ गए. यहाँ मुझे यह भी बताना चाहिए कि सिविल इंजीनियर रेणुका शर्मा ने अपनी जमी-जमाई नौकरी छोड़ दी और उसने भी फैज़ के साथ कंधे से कंधा मिला कर गौ रक्षा का संकल्प ले लिया है . जंतर-मंतर पर आमरण अनशन पर बैठने वाले ये लोग हैं- १. श्रीमती संजुलता शर्मा – आगरा (उत्तर प्रदेश) २. श्री जीतेन्द्र भार्गव – सुजानगड़ (राजस्थान) ३. स्वामी श्यामाश्याम जी महाराज – आगरा (उत्तर प्रदेश) ४. श्री उत्तम प्रकाश – सुजानगड़ (राजस्थान) ५. मोहम्मद फैज खान – रायपुर (छत्तीसगढ़) ६. श्री मुकेश कुमार त्यागी – आगरा (उत्तर प्रदेश) ७. आजाद बृजपाल शर्मा – कुरुक्षेत्र (हरियाणा) ८. श्री बासुदेवशरण त्रिपाठी – ललितपुर (बुंदेलखंड) ९. श्री अरविन्द भारत – श्रीरंगपट्टनम (कर्नाटक) प्रणम्य ही है.
गुरु गोबिंद सिंघ जी ने कहा था , ‘सवा लाख से एक लड़ाऊँ , गुरू गोविन्द तब कहाऊं”. गौ सेवा के लिए आमरण अनशन पर बैठे ये लोग इतिहास बना चुके है , देश के विभिन्न हिस्सो से आकर ये गौ माता के भक्त अपनी जान की परवाह न कर के अनशन पर बैठ गए है. यह कितने गर्व की बात है कि फैज़ और उनके साथियों का समर्थन करने के लिए कोलकता में सुशील कुमार पाण्डे और उनके कुछ साथी भी अनशन पर बैठ गए है. काश, दिल्ली और कोलकता की तरह देश के अन्य शहरों में भी ऐसे अनशन शुरू हो पाते . मुझे उम्मीद है कि फैज़ और उनके तमाम साथियों की मेहनत रंग लाएगी और एक दिन पूरे देश गौ हत्या पर पूर्ण प्रतिबन्ध . की मांग को लेकर लोग आमरण अनशन पर बैठेंगे। तभी सरकार पर दबाव बनेगा, गौ मांस का निर्यात रुकेगा, यह देश अपनी सांस्कृतिक स्मृति को भूल-सा गया है , उसे याद दिलाना ज़रूरी है. फैज़ जैसे युवको के कारण दिल्ली और कोलकता से गौ क्रांति शुरू हुयी है, अब यह पूरे देश में फैले। इस देश में क्रांति धीरे-धीरे असर करती है, लेकिन शुरुआत ज़रूरी है , यह हो चुकी है, और बात निकली है तो फिर दूर तलक जायेगी। जंतर-मंतर पर रोज़ अनेक लोग आ रहे हैं और फैज़ सहित सारे अनशनकारियों का हौसला बढ़ा रहे हैं। यह हौसला ही इन अनशनकारियों की ताकत भी है।

Excuse

Note: Dear Friends….Excuse any mistake in my writing