Tuesday, 7 January 2014

Modi v/s USA In Hindi


THANKS DEAR RAO FOR THIS VALUABLE MESSAGE
Subject: Modi v/s USA In Hindi

मित्रों आप देख रहे होंगे आजकल मीडिया एक हौव्वा बना रही है......
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""""कॉर्पोरेट जगत के कुछ बड़ेनाम "आप" में शामिल हो रहे हैं और ये सुबूतहै
कि "आप" का राजनैतिक कद बढ़रहा है """
अब ज़रा गहराई से इन तथा कथित कॉर्पोरेट जगत के बड़े नामों पर नज़र डालें
तो तस्वीर का दूसरा रुख नज़र आयेगा.....

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चाहे वो एयर डेक्कन के फाउंडर गोपीनाथ हों,इनफ़ोसिस के पूर्व डायरेक्टर
बालाकृष्णन हों ,रॉयल बैंक ऑफ स्कॉटलैंड की भूतपूर्व चेयरमैन
मीरा सान्याल या फिर ऐसे ही तमाम लोग जो "आप" से जुड़ रहे हों....इन
सब में एकबात समान है...
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ये सभी पूर्व में चुनाव लड़ चुके हैं और बुरी तरह से हारे हैं....... सो इनका "आप" में
शामिल होना कोई राष्ट्रभक्ति या सेवाभाव नहीं बल्कि अपनी असफल
राजनैतिक अभिलाषाओं की पूर्ती के लिए एकमाध्यम तलाशना मात्र
है....पैसे की इनमे से किसी के पास कमी नहीं है......वर्तमान में "आप"
को मिली क्षणिक सफलता ने इनकी मरी हुई उम्मीदों को एकनईकिरण
दिखाई है बस.....शायद पहले किसी बड़ेदल ने इनमे रूचि ना दिखाई हो.....
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बाकी अपनी मीडिया कितनी भरोसेमंद है ये तो आप जानते
ही हैं........ :))
Congress +Communist = AAP ..
See the Background Verification Of AAP

1.योगेंदर यादव - सोनिया गांधी की सलाहकार टीम का मेम्बर (NAC -2009-2011)

योगेन्द्र यादव प्रोफाइल उनके विकिपीडिया पर उपलब्ध। देखने के लिए यहाँ क्लिक करें
http://en.wikipedia.org/wiki/Yogendra_Yadav

2.मनीष सिसोदिया- सोनिया गांधी की सलाहकार अरुणा रॉय की टीम का मेंबर (RTI टीम -2005-06)
http://en.wikipedia.org/wiki/Manish_Sisodia

3.गोपाल राय - कम्युनिस्ट स्टूडेंट यूनियन (AISA)की लखनऊ युनिवेर्सिटी का प्रेसिडेंट (AISA1992)
http://en.wikipedia.org/wiki/Gopal_Rai

4.संजय सिंह- समाजवादी पार्टी (मुलायम सिंह यादव) कार्यकारिणी सदस्य (1998-till 2005 )
http://en.wikipedia.org/wiki/Sanjay_Singh_%28activist%29

5. प्रशांत भूषण -कम्युनिस्ट एक्टिविस्ट (नक्सलियों द्वारा भूषण को मध्यस्त बनाने कि मांग-(IBN7 on 24th April 2012 at 9:38 IST )

IBN7 द्वारा भूषण कि नक्सल मध्यस्तता कि न्यूज़ के लिए यहाँ क्लिक करें
http://ibnlive.in.com/news/cant-mediate-with-naxals-on-ias-officers-abduction-prashant-bhushan/251451-3.html

6. शाजिया इल्मी-कांग्रेसी चाचा की भतीजी और जीजा आरिफ खान कांग्रेसी मंत्री रह चुके है.
http://en.wikipedia.org/wiki/Shazia_Ilmi

7. अरविन्द केजरीवाल-कम्युनिस्ट एक्टिविस्ट (सोनिया गांधी कि सलाहकार अरुणा रॉय कि टीम का मेंबर (2005-06)

केजरीवाल का लेफ्ट CONNECTION जानने के लिए The Sunday Gaurdian Newspaper की नीचे लिखी रिपोर्ट देखे
http://www.sunday-guardian.com/analysis/is-arvind-kejriwal-on-the-left-right-or-centre

साथ मैं केजरीवाल का विकिपीडिया भी नीचे देखें और जाने उनका बैकग्राउंड
http://en.wikipedia.org/wiki/Arvind_Kejriwal

अरुणा रॉय- सोनिया गांधी की मुख्या सलाहकार(NAC Member-2004 to till date) और केजरीवाल सिसोदिया को एक्टिविस्ट बनाने वाली। .... अरुणा रॉय ने केजरीवाल कि नौकरी छुड़वाकर उसे अपनी RTI टीम मैं शामिल किया

अरुणा रॉय का विकिपीडिया भी देख लीजिये नीचे। .
http://en.wikipedia.org/wiki/Aruna_Roy

AAP के DNA मैं कांग्रेस + कम्युनिस्ट है, खुद जांच कर लें....Its only for your kind information...
पहले पूरा लेख पढ़ें अगर सहमत हो तभी लाइक
अथवा शेयर करें >>>>>
मोदी का विरोध सिर्फ आर्थिक कारणों से हो रहा है,
न की सांप्रदायिक कारणों से ......
जब से अमेरिका यूरोप में यह संकेत गया है
की मोदी के सत्ता में आने से सरकारी तौर से
भी “भारत निर्मित स्वदेशी” वस्तुओ के उत्पादन
और उपयोग पर भारत की जनता द्वारा जोर
दिया जायेगा, ये देश मोदी का रास्ता रोकने के लिए
मोदी विरोधी शक्तिओ को खूब प्रोत्साहन दे रहे हैं.
यदि सिर्फ १ साल तक जमकर
विदेशी उत्पादों का बहिष्कार कर दिया जाये
तो यूरोप और अमेरिका की मुद्राए रुपये के मुकाबले
बहुत निचे आ जायेगे. सिर्फ यही नहीं, यूरोप
दुबारा मंदी की जकड में चला जायेगा और
अमेरिका यूरोप दोनों जगहों पर बेरोजगारी में
बेतहाशा वृद्धि होगी क्योकि तब भारत में सामान
का उत्पादन होने से रोजगार भारत वालो को मिलेगा.
आज के दिन भारत का सारा रोजगार चीन,
अमेरिका और यूरोप चला गया है क्योकि हम सब
लोग बाहर देशो में बना सामान खरीद रहे हैं.
गुजरात दंगे का प्रचार तो सिर्फ भारत
की जनता को मुर्ख बनाने के लिए बार बार
किया जाता है, विदेशियों द्वारा मोदी का विरोध
का सिर्फ आर्थिक कारन है. भारत में स्विट्जरलैंड
के 156 गुना लोग रहते हैं और 121 करोड़ लोग
दुनिया में सबसे बड़े ग्राहक है
घटिया विदेशी उत्पादों के. आज भारत में 5000
विदेशी कंपनिया 27 लाख करोड़ का बिजिनेस करके
हर साल 17 लाख करोड़ रुपये को डालर में बदलकर
अपने देश ले जाती है जिससे रुपये निचे जा रहा है.
अर्थक्रान्ति प्रस्ताव के लागू हूने की भनक
भी अमेरिका को लग चुकी है जो भारत के लिए
अमेरिका की कीमत कम कर देगा.
मोदी और डॉ.स्वामी ने बीजेपी सरकार आने पर
डालर का भाव 5 साल में 21 रुपये और 10 साल में
10/- रुपये तक लाने की सोच रहे हैं. यदि डालर 10
रुपये हो जाये तो भारत का 46 लाख करोड़
का कर्जा सिर्फ 7 लाख करोड़ ही रह जायेगा जिसे
हम एक झटके में दे सकते हैं. 2013 के बजट 17
लाख करोड़ के बजट में से 5.35 लाख करोड़ सिर्फ
कर्ज की किश्त देने में ही चला गया जो पुरे बजट
का करीब एक तिहाई है सोचो भारत विकास कैसे
करेगा.
अमेरिका मोदी को किसी भी हालत में PM
बनता नहीं देखना चाहता है क्योकि मोदी के पीछे
सभी राष्ट्रवादी खड़े हैं. आने वाले समय में
मिडिया मोदी को और भी अनदेखी करेगा और
कजरी गिरोह को फोकस करके मोदी की राह रोकने
की योजना पर काम करेगा.
शेयर करके दूसरो को भी जागरुक करे...........

Forward this E Mail to your all friends and relative s, so they can know the facts.

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Excuse

Note: Dear Friends….Excuse any mistake in my writing